Tuesday, May 18, 2010

.................... हिन्दी है हम वतन है .............

माना की आज हम सारे संसार पर छा रहे है ,हर जगह अपना परचम लहरा रहे है,लेकीन हमारी मात्र भाषा को अपनाने से क्यों कतरा रहे है ?माना की प्रगती के लीये अंग्रेजी जरुरी है लेकीन अपने ही देश में हमारी ही भाषा की ये दुर्गती क्यों है ??? हर देश की पहचान उसकी संस्कृती और भाषा से होती है अगर हम ही इसकी उपेक्षा करेंगे तो शायद आने वाला पल हमे भारतीय नहीं कुछ और ही कहेगा ये हमारा एक प्रयाश है हमारी भाषा को फीर से जीवंत करने का ये हमारा एक प्रयाश है हमारे वतन को फीर से भारत बनाने का मेरा सबसे अनुरोध है अपना कुछ कीमती वक़्त हमारी भाषा के नाम करे मुझे आप सबके सहयोग की जरुरत है आईये ताकी फीर से हम वो गीत गुनगुना सके हिन्दी है हम वतन है ........................... जय हिन्द जय भारत

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