Monday, February 22, 2010

श्रेष्ठता की सच्चाई

अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमण सिंह को देश का दूसरा स्रेस्थ मुख्यमंत्री घोषित किया गया है !! मै इस विषय पर इस पुरस्कार की सच्चाई को यहाँ पर प्रदर्शित करना चाहता हूँ !!
उस प्रदेश का मुखिया कैसे श्रेष्ठ हो सकता है जहाँ की अधिकाधिक जनता गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन कररही है , जहाँ रोज कई निर्धन ,लाचार आदमी नक्सलियों के कारन मारे जाते हैं ! कहने को तो इस प्रदेश में चारों और विकास की गंगा बहाई जा रही है , यह सच भी है ! मगर यह आम जनता के लिए नहीं नेता , मंत्री एवं नौकरशाहों के लिए है !
रमण सरकार गरीब जनता को एक रूपये में चावल देकर अपने गरीब हितैषी होने का दंभ भरती है मगर वास्तव में वह जनता की कार्य करने की इच्छाशक्ति को मारकर, शराब का लत लगाकर , उन्हें आलसी बनाने का प्रयास कर रही है जिससे उनका वोट बैंक सुरक्छित हो जाये , अगर यह सरकार वास्तव में गरीब हितैषी होती तो उन्हें आर्थिक सहायता उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करती , उनकी क्रयशक्ति बढ़ाने का प्रयास करती !!
ऐसी सरकार कभी भी गरीब हितैषी नहीं हो सकती तथा ऐसी सरकार का मुखिया आज तो लोकप्रिय हो सकता है मगर उसने प्रदेश को बर्बाद करने का ही काम किया है ऐसे भ्रष्ट सरकार को पुरस्कृत करने वाली संस्था एवं सर्वे की हकीकत पर क्या विश्वास किया जा सकता है यह विचार का मुद्दा है .............!!

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